तहज़ीब
तहज़ीब, तमीज मर्यादा, दहलीज़ और अपनी पेचीदगी में उलझे तमाम वो लफ्ज़ जिससे किसी खानदान की इज़्ज़त बयां होती है औरतों के हवाले गुड्डे गुड्डियाँ, काजल, मेहँदी, आँचल और अपनी नज़ाकत में लिपटे तमाम वो सिफ़त ( सिफ़त - स्वभाव ) जिससे वो नाज़ुक दिखे अबला और भावुक दिखे इस्तेमाल होंगी केवल औरतों के लिए स्कूल, किताब तालीम, खिताब और काबिल दिखने की कोशिश में उठे तमाम वो कदम जिनपे उनका अधिकार नहीं ऐसे सारे क़दमों को जिससे उनका सरोकार नहीं उठने से पहले रोकना होगा औरतों को ख्वाहिश, खुदगर्ज़ी अभिलाषा, मनमर्ज़ी और आज़ादी की तमन्ना में घुले तमाम वो ख्याल उठ सकती घर की आबरू पे जिनसे कोई सवाल ऐसे अश्लील ख्यालों से दूर रहना फ़र्ज़ होगा औरतों का रस्मो-रिवाज़ शर्मो-हया, घूँघट, हिज़ाब मांगे जाने पे हर बात का वाजिब जवाब और हर वो नियम जिनका आयतों में जिक्र है ( आयतें - कुरान की पंक्तियाँ ) गर आबरू की फ़िक्र है अमल करना होगा औरतों को ऐवज़ में इन...