ज़िंदा
खबरें बताती हैं
इस देश में अबतक
कोरोना से महज़ 448 जानें गयी हैं
आँकड़ों के इस रेस में
हम अमरीका, ब्रिटेन सरीखे
देशों से बहुत आगे हैं
टीवी पर तभी दिखता है
सूरत से
घर को पैदल चला
इक मज़दूर
बेटी को काँधे पे चढ़ाए
मुस्कुराते हुए कहता है
‘अभी तीन दिन और लगेंगे’
दिखती है
नवजात कि लाश
सीने से लगाए
गाँव से 100 मील दूर
पटना की ओर
बिलखती, भागती इक औरत
दिखते हैं
पत्थरों से लहूलुहान
डॉक्टर और पुलिस वाले
दिखते हैं
माथे पर हाथ धरे
ज़िंदगी और नरक का फ़र्क़
कब का भूल चुके
लाखों किसान
जो कभी टीवी पर नहीं आते
130 करोड़ के देश में महज़ 448 मौतें
न्यूज़ ऐंकर आँठवी बार चीखता है
डरने की कोई बात नहीं
बड़ी देर तक सोचता हूँ
वैसे भी
इस मुल्क में ज़िंदा कौन बचा है
इस देश में अबतक
कोरोना से महज़ 448 जानें गयी हैं
आँकड़ों के इस रेस में
हम अमरीका, ब्रिटेन सरीखे
देशों से बहुत आगे हैं
टीवी पर तभी दिखता है
सूरत से
घर को पैदल चला
इक मज़दूर
बेटी को काँधे पे चढ़ाए
मुस्कुराते हुए कहता है
‘अभी तीन दिन और लगेंगे’
दिखती है
नवजात कि लाश
सीने से लगाए
गाँव से 100 मील दूर
पटना की ओर
बिलखती, भागती इक औरत
दिखते हैं
पत्थरों से लहूलुहान
डॉक्टर और पुलिस वाले
दिखते हैं
माथे पर हाथ धरे
ज़िंदगी और नरक का फ़र्क़
कब का भूल चुके
लाखों किसान
जो कभी टीवी पर नहीं आते
130 करोड़ के देश में महज़ 448 मौतें
न्यूज़ ऐंकर आँठवी बार चीखता है
डरने की कोई बात नहीं
बड़ी देर तक सोचता हूँ
वैसे भी
इस मुल्क में ज़िंदा कौन बचा है
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