इक लेखक का जन्म
कभी यूँ हुआ
की अपनी हीं इक नज़्म
पढ़कर लगा
कोई इतना ख़ूबसूरत
कैसे लिख सकता है
गर हुआ तो
मुबारक हो
है इक लेखक ने जन्म लिया |
की अपनी हीं इक नज़्म
पढ़कर लगा
कोई इतना ख़ूबसूरत
कैसे लिख सकता है
गर हुआ तो
मुबारक हो
है इक लेखक ने जन्म लिया |
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